भावुक क्षण में राष्ट्रपति ने कहा– इन बच्चों की आवाज़ में सरस्वती का वास है
देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने जन्मदिन के अवसर पर जब देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) पहुंचीं, तो वहां के माहौल में भावनाओं का एक विशेष रंग घुल गया। दृष्टिबाधित बच्चों की मधुर और आत्मीय प्रस्तुति ने राष्ट्रपति को इतना भावुक कर दिया कि उनके आंसू छलक पड़े। बच्चों द्वारा ‘तुम जियो हजारों साल...’ और ‘हैप्पी बर्थडे टू यू’ की प्रस्तुति ने माहौल को भावविभोर कर दिया।
राष्ट्रपति ने संस्थान में मॉडल स्कूल की विज्ञान व कंप्यूटर प्रयोगशालाओं और एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा फिल्म तारे ज़मीं पर का गीत प्रस्तुत करने पर राष्ट्रपति अपनी भावनाएं रोक नहीं सकीं और मंच पर ही उनकी आंखें नम हो गईं। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रूमाल दिया और मंच पर उपस्थित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भी भावुक हो उठे।
राष्ट्रपति ने दृष्टिबाधित बच्चों को चश्मा भेंट कर सम्मानित किया और कहा कि ये बच्चे दिल से गाते हैं, मानो स्वयं सरस्वती उनके कंठ में वास करती हों। उन्होंने यह भी कहा कि किसी समाज की परिपक्वता इस बात से आंकी जाती है कि वह दिव्यांगजनों के प्रति कितनी संवेदनशीलता और सहयोग का भाव रखता है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के तकनीकी युग में दिव्यांगजन भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से समाज की मुख्यधारा में मजबूती से भागीदारी निभा सकते हैं। समावेशी समाज की स्थापना में सबका प्रयास जरूरी है।